आपने जो ज्ञान हमको दे दिया उपहार में अनुराग ह्रदय अब डूबता है आपके उपकार में आपने जो ज्ञान हमको दे दिया उपहार में अनुराग ह्रदय अब डूबता है आपके उपकार में
गाँव का त्योहार याद आ रहा है मुझे अब गाँव याद आ रहा है। गाँव का त्योहार याद आ रहा है मुझे अब गाँव याद आ रहा है।
मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कराहट की खातिर मेरे सेंटा मेरे पापा साथ हर दिन निभाते हैं रात हो या दिन मेरी हर मुस्कर...
बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की,किसी गडरिये के होठो... बाँस की हँस कर दोहरी होती टहनियाँ,जब बाँसुरी बन सजती हैं,कहती हैं व्यथा बिछोह की...
ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है। ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है।
मित्र मेरे ! मित्र मेरे !